गुजरात यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद में राज्य स्तरीय ‘गुजरात सांस्कृतिक वक्तृत्व स्पर्धा’ आयोजित - At This Time

गुजरात यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद में राज्य स्तरीय ‘गुजरात सांस्कृतिक वक्तृत्व स्पर्धा’ आयोजित


गुजरात यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद में राज्य स्तरीय ‘गुजरात सांस्कृतिक वक्तृत्व स्पर्धा’ आयोजित

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल एवं महानुभावों ने स्पर्धा के विजेता को ‘बेस्ट सांस्कृतिक स्पीकर ऑफ गुजरात’ का अवॉर्ड प्रदान किया

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेलः-
• यदि संस्कृति मजबूत होगी, तो विकसित भारत का निर्माण अवश्य होगा
• डिजिटल नकारात्मकता के रूप में परोसे जा रहे आतंकवाद को सभी को साथ मिलकर दूर करना होगा
• आध्यात्मिकता का पाठ सीखने के लिए दुनिया भर के लोग भारत आते हैं, यही हमारी सांस्कृतिक पहचान है

शिक्षा राज्य मंत्री श्री प्रफुल पानसेरिया, ‘सेव कल्चर सेव भारत’ फाउंडेशन के संस्थापक श्री उदय माहुरकर की प्रोत्साहक उपस्थिति

राष्ट्रीय सेवा योजना, गुजरात सरकार के उच्च शिक्षा विभाग और ‘सेव कल्चर सेव भारत’ फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में राज्य स्तरीय वक्तृत्व स्पर्धा का आयोजन

गांधीनगर 14 फरवरी: भारतीय संस्कृति के मूल्यों के संरक्षण और संवर्धन के लिए युवा पीढ़ी को सक्रिय बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) और ‘सेव कल्चर, सेव भारत’ फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में गुजरात यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद में गुजरात सांस्कृतिक वक्तृत्व स्पर्धा का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल, शिक्षा राज्य मंत्री श्री प्रफुल पानसेरिया और ‘सेव कल्चर सेव भारत’ फाउंडेशन के संस्थापक श्री उदय माहुरकर ने बुधवार को इस राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार और अवॉर्ड वितरित किए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि, “भारत देश विविधता में एकता वाला देश है। इतना ही नहीं, यहां सभी त्योहारों को हर्ष-उल्लास के साथ मनाया जाता है। हम सभी को इस बात का ध्यान रखने की आवश्यकता है कि हमारे यहां 31 दिसंबर जैसे पश्चिमी त्योहारों का महत्व कहीं दिवाली से अधिक न बढ़ जाए।” उन्होंने उम्मीद जताई कि ऐसी सांस्कृतिक वक्तृत्व जैसी प्रतियोगिताएं युवाओं को इस दिशा में और अधिक जागरूक करेंगी।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का व्यक्तित्व आज इतना बड़ा है कि उनका प्रत्येक शब्द और प्रत्येक बात हर किसी को कुछ नया सिखाती है। श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने यूएई दौरे के दौरान सांस्कृतिक चीजों को लेकर देश और दुनिया को संदेश भी दिया है। उन्होंने कहा कि आज भी आध्यात्मिकता का पाठ सीखने के लिए दुनिया के लोगों को भारत आना पड़ता है और यही हमारी सांस्कृतिक पहचान है।

उन्होंने कहा कि गुजरात ने श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को मजबूती के साथ आगे बढ़ाने का काम किया है। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ बनने के लिए हमें अपनी संस्कृति की नींव को मजबूत बनाना होगा, तभी ‘विकसित गुजरात’ के जरिए हम श्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के स्वप्न को साकार कर पाएंगे। उन्होंने यह विश्वास व्यक्त किया कि यदि संस्कृति मजबूत होगी, तो विकसित भारत का निर्माण अवश्य होगा।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आज सोशल मीडिया पर डिजिटल नकारात्मकता के रूप में परोसे जा रहे आतंकवाद को हम सभी को मिलकर दूर करना होगा। बच्चों के माता-पिता को भी उन्हें इस डिजिटल नकारात्मकता से दूर रखने के लिए विशेष ध्यान रखना होगा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने इस मौके पर सभी को वसंत पंचमी की शुभकामनाएं दीं और पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए वीर जवानों को याद करते हुए हमले की पांचवीं बरसी के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री श्री प्रफुल पानसेरिया ने चरित्र निर्माण के संबंध में बात करते हुए कहा कि, चरित्र निर्माण भारत की शिक्षा का मूल्य उद्देश्य है। आने वाले समय में चरित्र निर्माण की बहुत आवश्यकता होगी और आज का यह कार्यक्रम इसमें काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

शिक्षा राज्य मंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का निर्माण हो रहा है, जो हमारी संस्कृति भी है। इसीलिए आज भारत पूरी दुनिया में मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है।

इस अवसर पर ‘सेव कल्चर सेव भारत’ फाउंडेशन के संस्थापक श्री उदय माहुरकर ने कहा कि आज हमारी संस्कृति के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। उन्होंने सोशल मीडिया और ओटीटी जैसे माध्यम, फिल्मों और बहुत सारे एप्स में दिखाई जा रही अनेक प्रकार की विकृतियों को चिंता का विषय बताया। उन्होंने कहा कि हम ऐसे माध्यमों के विरुद्ध कानूनी रूप से लड़ रहे हैं और लोगों में जागरूकता पैदा करने का भी काम कर रहे हैं।

श्री माहुरकर ने गर्व से कहा कि मुख्यमंत्री ने हमारे इस कार्य में सहयोग देने का निर्णय कर उन्हें प्रोत्साहित किया है। आगामी दिनों में हम राज्य के अन्य शहरों में भी संस्कृति को बचाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अनेक क्षेत्रों में प्रगति की नई ऊंचाइयों को हासिल किया है। आज देश और दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ रही है, जो गौरव की बात है। उन्होंने सभी से राष्ट्र निर्माण के कार्य में सहभागी होने का आह्वान किया।

गुजरात यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ. नीरजा गुप्ता ने स्वागत भाषण में गुजरात सांस्कृतिक वक्तृत्व स्पर्धा के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने आज के दिन को विशेष बताते हुए कहा कि कॉलेज के युवा विद्यार्थियों में चरित्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संबंध में जागृति लाने और वक्तृत्व एवं नेतृत्व कला के गुणों को विकसित करने के लिए इस स्पर्धा का आयोजन किया गया है। डॉ. नीरजा गुप्ता ने जोर देकर कहा कि, सच्चे अर्थ में विकसित भारत तभी बनेगा, जब हम भारत की संस्कृति को विकृत न होने दें और इस बात की जिम्मेदारी युवाओं की है।

उल्लेखनीय है कि ‘गुजरात सांस्कृतिक वक्तृत्व स्पर्धा’ के पहले चरण की कॉलेज स्पर्धा का आयोजन जनवरी महीने में किया गया था, जिसमें 603 कॉलेजों से 5500 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। इस स्पर्धा में प्रथम स्थान पर आए विजेताओं के बीच जोन स्तर की स्पर्धा आयोजित हुई थी। 11 जोन और 33 जिलों में आयोजित जोन स्तर की स्पर्धा में पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले प्रतिभागियों के बीच 14 फरवरी को राज्य स्तरीय स्पर्धा का आयोजन हुआ।

‘गुजरात सांस्कृतिक वक्तृत्व स्पर्धा’ की राज्य स्तरीय स्पर्धा में प्रथम स्थान प्राप्त कर विजेता बने विद्यार्थी को 1,00,000 रुपए का पुरस्कार और ‘बेस्ट कल्चरल स्पीकर ऑफ गुजरात’ के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। जबकि दूसरे स्थान पर आने वाले विद्यार्थी को 71,000 रुपए और तीसरे स्थान पर आने वाले विद्यार्थी को 51,000 रुपए का पुरस्कार दिया गया।

इसके अलावा, जोन एवं कॉलेज स्तर में पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले विजेताओं को भी अलग-अलग अवॉर्ड और नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

‘गुजरात सांस्कृतिक वक्तृत्व स्पर्धा’ में स्वच्छ साइबर भारत, चरित्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण, शील संस्कृति और सदाचार रक्षा, वर्तमान समय की अनिवार्यता-मूल्य शिक्षा, राष्ट्रीय सेवा योजनाः एक भारत, श्रेष्ठ भारत जैसे विभिन्न 5 विषय निर्धारित किए गए थे। प्रतिभागी को इनमें से किसी एक विषय पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत करना था।

कार्यक्रम में उच्च शिक्षा निदेशक श्री गुरव दिनेश रमेश, अपर निदेशक श्री वी.सी. बोडाणा, श्री आर.आर. पटेल, उच्च शिक्षा की संयुक्त निदेशक श्रीमती आरतीबेन ठक्कर तथा बड़ी संख्या में युवा और नागरिक मौजूद रहे।


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