मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की पूर्वसंध्या पर आयोजित ‘मातृभाषा महोत्सव’ में गुजरात साहित्य अकादमी के नए ‘झवेरचंद मेघाणी भवन’ का लोकार्पण किया - At This Time

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की पूर्वसंध्या पर आयोजित ‘मातृभाषा महोत्सव’ में गुजरात साहित्य अकादमी के नए ‘झवेरचंद मेघाणी भवन’ का लोकार्पण किया


मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की पूर्वसंध्या पर आयोजित ‘मातृभाषा महोत्सव’ में गुजरात साहित्य अकादमी के नए ‘झवेरचंद मेघाणी भवन’ का लोकार्पण किया

अद्यतन टेक्नोलॉजी के युग में युवा पीढ़ी को अपने साहित्य की ओर आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार प्रयासरतः मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल

“प्रधानमंत्री ने सदैव विकास के साथ-साथ अपनी विरासत और संस्कृति के संरक्षण की हिमायत की है”

गुजराती भाषा और गुजराती साहित्य का संवर्धन करना राज्य सरकार की प्राथमिकताः युवा और सांस्कृतिक गतिविधियां मंत्री श्री मूळुभाई बेरा

मुख्यमंत्री ने गुजरात साहित्य अकादमी के नए संकल्प ऑडियो बुक और ई-बुक का लोकार्पण तथा श्रेष्ठ पुस्तक के विजेताओं को पारितोषिक प्रदान किए

गांधीनगर 20 फरवरीः अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की पूर्व संध्या पर मंगलवार को गांधीनगर में आयोजित ‘मातृभाषा महोत्सव’ में मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात साहित्य अकादमी के नए ‘झवेरचंद मेघाणी भवन’ का लोकार्पण किया। इस अवसर पर युवा और सांस्कृतिक गतिविधियां मंत्री श्री मूळुभाई बेरा उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने इस अवसर पर कहा कि आज के अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के युग में युवा पीढ़ी को अपने साहित्य की तरफ आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार की गुजरात साहित्य अकादमी की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सदैव विकास के साथ-साथ अपनी विरासत और संस्कृति के संरक्षण की हिमायत की है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में गुजरात के साहित्य जगत के गणमान्य व्यक्तियों की वेशभूषा धारण करने वाले बच्चों की सहर्ष सराहना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार गुजराती साहित्य और कला विरासत को उजागर करने के लिए हमेशा प्रयासरत रही है और भविष्य में भी रहेगी। मातृभाषा के शब्दों की ताकत को आंकना बहुत ही कठिन है, और शब्दों की यह ताकत गुजरात की साहित्य विरासत में भरपूर मात्रा में है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘विकसित भारत@2047’ का विजन दिया है। इस विजन को परिपूर्ण करने में गुजरात का साहित्य क्षेत्र कैसे अपना योगदान दे सकता है, उस दिशा में विचार-मंथन होना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य भर में मातृभाषा दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। दूसरी किसी भाषा से अत्यधिक प्रभावित होने के बजाय अपनी मातृभाषा पर गर्व होना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राज्य का प्रत्येक नागरिक मातृभाषा के महत्व को समझे और गुजरात द्रुत गति से प्रगति करे, इसके लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि आज गुजरात जिस गति से विकास कर रहा है, उसे देखते हुए निश्चित रूप से यह कहा जा सकता है कि ‘विकसित गुजरात से विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने में गुजरात अग्रणी भूमिका निभाएगा।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने गुजरात साहित्य अकादमी के नए संकल्प ऑडियो बुक और ई-बुक का लोकार्पण किया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने उपन्यास, लघु वार्ता, विवेचन, आत्मकथा, लोकसाहित्य और अनुवाद क्षेत्र की श्रेष्ठ पुस्तक के विजेताओं को पारितोषित प्रदान किए।

गुजरात साहित्य अकादमी के नए भवन का लोकार्पण करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए सांस्कृतिक गतिविधियां मंत्री श्री मूळुभाई बेरा ने कहा कि गुजराती भाषा और गुजराती साहित्य का संवर्धन करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और मातृभाषा को वंदन करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। मातृभाषा को बढ़ावा देने के लिए गुजरात साहित्य अकादमी ने राज्य के गांव-गांव में पहुंचकर गुजराती भाषा के प्रति जनजागरूकता पैदा करने का अभियान शुरू किया है।

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की शुभकामनाएं देते हुए मंत्री श्री बेरा ने कहा कि साहित्य समाज का प्रतिबिंब होता है। साहित्य और कला ने व्यक्ति की मानवता को बरकरार रखा है। गुजरात साहित्य अकादमी ने 365 दिनों में 150 पुस्तकें प्रकाशित कर गुजरात की अमूल्य विरासत को संरक्षित रखा है। उन्होंने कहा कि उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए गुजरात साहित्य अकादमी द्वारा मातृभाषा दिवस के अवसर पर एक ही दिन में पूरे राज्य में 151 कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।

गुजरात साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री भाग्येश झा ने स्वागत भाषण में कहा कि राज्य सरकार ने गुजरात साहित्य अकादमी के लिए केवल भवन ही नहीं बनाया, बल्कि गुजराती साहित्य जगत को एक नया पता भी दिया है। मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने शिक्षा में गुजराती भाषा को अनिवार्य कर मातृभाषा का गौरव बढ़ाया है। गुजरात की साहित्य विरासत को संरक्षित रखने के लिए गुजरात साहित्य अकादमी ने 365 दिनों में 300 कार्यक्रमों का आयोजन कर भारत में एक नया रिकॉर्ड बनाया है।

इस अवसर पर गुजरात साहित्य अकादमी के महामात्र श्री जयेन्द्रसिंह जादव ने आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में गांधीनगर महानगर पालिका के महापौर श्री हितेशभाई मकवाणा, युवा और सांस्कृतिक गतिविधियां विभाग के प्रधान सचिव श्री अश्विनी कुमार और गुजराती साहित्य जगत के विख्यात महानुभाव सहित बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे।


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