निस्वार्थ सेवा के लिए गुजरात के *14 गणमान्य* व्यक्तियों को *धरती रत्न पुरस्कार* से सम्मानित किया गया। - At This Time

निस्वार्थ सेवा के लिए गुजरात के *14 गणमान्य* व्यक्तियों को *धरती रत्न पुरस्कार* से सम्मानित किया गया।


*निस्वार्थ सेवा के लिए* गुजरात के *14 गणमान्य* व्यक्तियों को *धरती रत्न पुरस्कार* से सम्मानित किया गया।

ब्रह्माकुमारीज़, कला एवं संस्कृति प्रभाग के अध्यक्ष तथा युवा प्रभाग के उपाध्यक्ष *चंद्रिका बहन को महामहिम राज्यपाल ने पुरस्कृत किया।*

अहमदाबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल मेमोरियल ऑडीटोरीयम में आशीर्वाद फाउंडेशन द्वारा *धरती रत्न पुरस्कार* वितरण समारोह का आयोजन किया गया।

महामहिम राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत जी ने प्रसिद्धि की परवाह किए बिना मानव सेवा के लिए कार्य करने वाली *14 विभूतियों को धरती रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया।*
स्वास्थ्य एवं सेवाओं के क्षेत्र में 47 वर्षों से कार्य कर रहे आशीर्वाद फाउंडेशन द्वारा दिये जाने वाले इस पुरस्कार के वितरण समारोह में महामहिम राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत जी ने कहा कि निःस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करने वाले लोगों का सम्मान करना समाज का कर्तव्य है। ऐसे सम्मान से दूसरों को भी सेवा करने की प्रेरणा मिलती है।
आशीर्वाद फाउंडेशन द्वारा हर वर्ष विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित किया जाता है। इस बार *ब्रह्माकुमारी महादेवनगर की प्रभारी एवं ब्रह्माकुमारी कला एवं संस्कृति प्रभाग के अध्यक्ष तथा युवा प्रभाग के उपाध्यक्ष चंद्रिका बहन को अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ चयनित किया गया। एवं महामहिम राज्यपाल ने उन्हें पुरस्कार से सम्मानित किया।*

राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत जी ने कहा कि अन्न का एक दाना धरती में मिलकर अनेक अनाज पैदा करता है, *मानव सेवा के प्रति समर्पित लोग सुन्दर समाज का निर्माण करते हैं।*

उन्होंने धरती रत्न पुरस्कार से सम्मानित महानुभावों को उनके कार्यों के लिए बधाई देते हुए ऐसे सेवा कार्यों को सच्ची मानवता बताया। दूसरों के दर्द को अपने दिल में महसूस कर पाना, अपनी आंखों से दूसरों के लिए आंसू बहाना और *परोपकार के लिए जीना ही जीवन की सार्थकता है।*

महामहिम राज्यपाल ने कहा कि श्री राम, श्री कृष्ण, महात्मा गांधीजी, स्वामी दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानन्द आज भी अमर हैं, यह उनके कर्मों का परिणाम है। *अच्छे कर्मों से बड़ी कोई पूंजी नहीं है।* अच्छे कर्मों का फल सुख और बुरे कर्मों का फल दुःख और परेशानी है।

इस कार्यक्रम में भारत सरकार के संगीत नाटक अकादमी के उपाध्यक्ष पद्मश्री जोरावरसिंह जादव, पूर्व राजस्व मंत्री श्री कौशिकभाई पटेल, मोंटे कार्लो लिमिटेड के अध्यक्ष श्री कनुभाई पटेल, सत्य साईंबाबा अस्पताल के ट्रस्टी श्री कंचनभाई जावेरी, आशीर्वाद फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री आर. एस. पटेल तथा ट्रस्टी डॉ. श्री के. एम. पटेल, कवि श्री माधव रामानुज और कई गणमान्य नेता, विभिन्न क्षेत्र के महानुभव तथा गुजरात के विशिष्ठ नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।


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