ख्वाज़ा दाना दरगाह सुरत में 425 साल से हो रही है रोज़ा इफ्तारी। रोज़ाना 2000 लोग करते हैं रोज़ा इफ्तारी: नकीब नुरानी
ख्वाज़ा दाना दरगाह सुरत में 425 साल से हो रही है रोज़ा इफ्तारी।
रोज़ाना 2000 लोग करते हैं रोज़ा इफ्तारी: नकीब नुरानी
संवाददाता शोएब म्यानुंर सुरत
सुरत शहर के सुफी संत नक्श बंदी हज़रत ख्वाज़ा दाना दरगाह में "सज्जादानशीन सय्यद फीरोज़ शाह बाबा" की सदारत में रोज़ाना रमज़ान के महिने में 350 से अधिक थाल रोज़ा इफ्तारी के लिए सजाए जाते हैं जिस में फल फ्रुट, समोसे, भजिये, पकोड़े, तरकारी, पुलाव, खजूर, सरबत से पुरा थाल सजाया जाता है। पिछले 425 सालों से ये रोज़ा इफ्तारी का बंदोबस्त किया जाता है रोजाना 1800 से 2000 लोग यहां रोज़ा इफ्तारी करते हैं जिसमें ख़्वातीन के अलग बंदोबस्त इंतेजामिया की तरफ़ से किया जाता है और मर्द हज़रात के अलग बंदोबस्त किया जाता है।
रमज़ान के महीने में रोज़ा इफ्तारी के लिए दरगाह के खादीमों के साथ साथ मेमन समाज के इंटर नेशनल मेमन ऑर्गेनाइजेशन के वाईस प्रेसिडेंट नकीब नुरानी और उनकी टीम पुरे रमज़ान महीने में यहां रोज़ा इफ्तारी के लिए इंतेजामात में खड़े रेहते हैं नकीब नुरानी ने मिडिया से बात करते हुए बताया कि 350 से ज्यादा थाल रोज़ा इफ्तारी के लिए असर की नमाज़ के बाद से तैयारियां शुरू कर दी जाती है और छोटे बड़े सब मिलकर थाल लगाते हैं। दिल्ली दस्तरख्वान की तरफ़ से यहां रोज़ाना तरकारी का इंतजाम किया जाता है। और खास तौर पर यहां इफ्तारी के लिए लिल्लाहफंड लिया जाता है इसके लिए दरगाह के सेन में अलग से स्टोल कांउटर हर साल लगाया जाता है और रोज़ा इफ्तारी के लिए ताऊन करने वालों को रशीद बना कर दी जाती है।
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